By Anuja Bisht
April 28, 2025
शास्त्रों में गणेश जी को "प्रथम पूज्य" कहा गया है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान, यज्ञ, या पूजन से पहले उनकी आराधना अनिवार्य मानी गई है। गणेश चालीसा पढ़ना उनके चरणों में समर्पण का सरल और प्रभावशाली तरीका है।
गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है – यानी जो सभी बाधाओं को दूर करते हैं। गणेश चालीसा का पाठ पूजा से पूर्व करने से मानसिक, आध्यात्मिक और बाहरी विघ्न दूर हो जाते हैं, जिससे पूजा निर्विघ्न पूर्ण होती है।
चालीसा के पदों में दिव्यता होती है। इनका उच्चारण वातावरण को सात्विक बनाता है और मन को एकाग्र करता है। इससे पूजा में ध्यान और श्रद्धा बढ़ती है।
गणेश चालीसा में गणपति की लीलाओं, गुणों और कृपा का वर्णन है। इसका पाठ पूजा से पहले भक्त के मन में समर्पण और भक्ति की भावना जाग्रत करता है, जिससे पूजा अधिक फलदायक होती है।
पुराणों और धर्मग्रंथों में भी गणेश पूजन को प्रथम अनिवार्य कृत्य माना गया है। गणेश चालीसा पढ़ना इस परंपरा का पालन करने का सरलतम मार्ग है।