February 14, 2020
By Anuja Bisht
चालीसा एक भक्ति रचना होती है जिसमें कुल 40 चौपाइयाँ होती हैं। इसमें भगवान के चरित्र, गुण और कृपा का विस्तार से वर्णन किया जाता है। जैसे – हनुमान चालीसा, जो शक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।
मंत्र बेहद संक्षिप्त लेकिन शक्तिशाली शब्दों का समूह होता है, जिसका उच्चारण मानसिक शांति, ऊर्जा और एकाग्रता के लिए किया जाता है। “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ गण गणपतये नमः” जैसे मंत्र ध्यान और साधना का मूल होते हैं।
आरती वह भजन है जिसे दीप जलाकर भगवान की स्तुति करते हुए गाया जाता है। यह पूजा का अंतिम और सबसे मधुर हिस्सा होता है, जिसमें भक्ति, संगीत और समर्पण का अद्भुत संगम होता है।
मंत्र ध्यान का मार्ग दिखाता है, चालीसा भक्ति को गहराई देता है, और आरती भक्ति का उत्सव बनाती है। तीनों मिलकर किसी भी पूजा को संपूर्ण और प्रभावशाली बनाते हैं।