Shanivar Vrat Vidhi – शनिवार व्रत की विधि की सभी जानकारी | Chalisa Sanchay

शनिवार व्रत हिंदू धर्म में शनिदेव की कृपा प्राप्त करने और जीवन के कष्टों से मुक्ति पाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत में भक्तजन शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना, व्रत कथा का श्रवण, और दान-पुण्य के माध्यम से उनकी आराधना करते हैं। सही विधि से व्रत करने पर शनि दोष, साढ़ेसाती, और ढैय्या के प्रभाव कम होते हैं, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का वास होता है। यह लेख शनिवार व्रत की सम्पूर्ण विधि, नियम, पूजा सामग्री, और व्रत कथा के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे श्रद्धालु सही तरीके से व्रत का पालन कर शनिदेव की अनुकंपा प्राप्त कर सकें। ​

Also Read: Shanivar Vrat Katha – आज हम पड़ेंगे शनिवार व्रत कथा | Chalisa Sanchay

शनिवार व्रत विधि (Shanivar Vrat Vidhi)

शनिवार व्रत का पालन करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं। इस व्रत को विधिपूर्वक करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. प्रातःकालीन तैयारी: शनिवार के दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।​
  2. शनि देव की प्रतिमा स्थापना: घर के पूजा स्थल में शनिदेव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। यदि संभव हो तो लोहे से निर्मित शनिदेव की प्रतिमा का उपयोग करें।
  3. पूजा सामग्री: पूजा के लिए काले तिल, सरसों का तेल, उड़द दाल, नीले या काले फूल, काले वस्त्र, लोहे से बनी वस्तुएं, धूप, दीप, और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर का मिश्रण) तैयार रखें।​
  4. प्रतिमा का स्नान: शनिदेव की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं, फिर स्वच्छ जल से धोकर वस्त्र अर्पित करें।​
  5. पूजा और अर्चना: शनिदेव को काले तिल, फूल, धूप, और तेल अर्पित करें। सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनिदेव के मंत्रों का जाप करें।​
  6. व्रत कथा का श्रवण: पूजा के पश्चात शनिदेव की व्रत कथा का श्रवण या पाठ करें। यह कथा शनिदेव की महिमा और उनके प्रभाव को दर्शाती है। ​
  7. दान और सेवा: व्रत के दिन काले तिल, उड़द दाल, काले वस्त्र, और सरसों का तेल दान करें। जरूरतमंदों को भोजन कराएं और उनकी सहायता करें।​
  8. भोजन: यदि संभव हो तो दिनभर निराहार रहें, अन्यथा फलाहार या सात्विक भोजन ग्रहण करें। लहसुन, प्याज, और तामसिक भोजन से परहेज करें।​
  9. संध्याकालीन पूजा: शाम के समय पुनः शनिदेव की पूजा करें और उनकी आरती गाएं।​
  10. व्रत का समापन: रात्रि में सात्विक भोजन ग्रहण कर व्रत का समापन करें।​

इस प्रकार श्रद्धा और नियमपूर्वक शनिवार व्रत का पालन करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का वास होता है।

Also Read: Shani Aarti​ : संकट हरने वाली, सुख-समृद्धि देने वाली दिव्य आरती

Shanivar Vrat Vidhi Full Video | In Hindi

Shani Dev Related Article

Also Read:

Scroll to Top