
Shani Aarti एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली आरती है, जो भक्तों के कष्टों को दूर करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए गाई जाती है। इसे विशेष रूप से शनिवार के दिन शनि देव की पूजा के दौरान गाने से अत्यधिक लाभ मिलता है। माना जाता है कि यह आरती शनि देव की कृपा प्राप्त करने, शनि की साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने तथा बाधाओं को दूर करने में सहायक होती है। जो भी भक्त सच्चे मन से इस आरती का पाठ करता है, उसे शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे उसके जीवन में स्थिरता, सफलता और शांति आती है।
Shani Dev Ki Aarti : जय जय श्री शनिदेव ||
जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी ।
सूरज पुत्र प्रभु छाया महतारी ।।जय जय श्री शनि…
श्याम अंक वक्र दृष्टि चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ।। जय जय श्री शनि…
क्रीट मुकुट शीश सहज दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ।। जय जय श्री शनि…
मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥ जय जय श्री शनि…
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण है तुम्हारी ।। जय जय श्री शनि…
Shani Dev Ki Aarti | Full Lyrics In Hindi
Shani Aarti Lyrics | Meaning & Significance
शनि आरती भगवान शनि देव की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद से जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए गाई जाती है। इस आरती के माध्यम से भक्त शनि देव की महिमा का गुणगान करते हैं और उनकी न्यायप्रियता, धैर्य व कर्मों के अनुसार फल देने की शक्ति का स्मरण करते हैं। शनि आरती का नियमित रूप से पाठ करने से शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम किया जा सकता है। विशेष रूप से शनिवार के दिन शनि मंदिर में दीप जलाकर श्रद्धा भाव से आरती करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शांति, सुख और समृद्धि का संचार होता है।
Shani Dev Related Article
- Shanivar Vrat Vidhi – शनिवार व्रत की विधि की सभी जानकारी
- Shanivar Vrat Katha – आज हम पड़ेंगे शनिवार व्रत कथा
- Shani Chalisa: श्री शनि चालीसा | संपूर्ण पाठ, अर्थ, एवं महत्त्व
- Shani Dev Chalisa : श्री शनि चालीसा (2) | पाठ, अर्थ और महत्त्व सहित संपूर्ण विवरण
Also Read:
- Raksha Bandhan 2025: भाई-बहन के प्रेम, वचन और परंपरा का पावन पर्व
- Raksha Bandhan kab hai? जानें राखी बांधने की तिथि, शुभ मुहूर्त और समय
- Nag Panchami 2025 : नाग देवता की कृपा पाने का सबसे शुभ दिन, जानिए सबकुछ यहाँ
- Nag Panchami Kab Hai? नाग पंचमी जुड़ी सभी जानकारी जानें | मुहूर्त, विधि और तारीख 2025
- Sawan Somvar Vrat Vidhi 2025 : व्रत की सम्पूर्ण पूजा विधि व नियम | Sawan Somvar 2025