
Sawan Somvar Vrat Vidhi: यह व्रत भगवान शिव की आराधना का अत्यंत पुण्यदायी अवसर होता है, जिसमें श्रद्धालु भक्त उपवास रखकर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। सावन सोमवार व्रत 2025 में शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और नियमों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है, जिससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। यह लेख आपको सावन सोमवार व्रत की सम्पूर्ण पूजा विधि, आवश्यक सामग्री, नियमों एवं धार्मिक महत्त्व की सटीक और विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।
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सावन सोमवार व्रत की सम्पूर्ण विधि
1. व्रत की तैयारी – एक रात पहले (Preparation a Night Before)
सावन सोमवार व्रत की सफलता के लिए इसकी तैयारी एक दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। व्रत से एक दिन पहले शाम को सात्विक भोजन करें और मन, वचन व कर्म से पवित्रता का संकल्प लें। मानसिक रूप से यह संकल्प करें कि अगले दिन आप भगवान शिव की उपासना पूरे नियम, संयम और श्रद्धा के साथ करेंगे। यदि पूजा घर में शिवलिंग नहीं है, तो उसकी तस्वीर, प्रतिमा या मिट्टी/तांबे का छोटा शिवलिंग पूर्व से एकत्र कर लें।
2. पूजन सामग्री की सूची (Ingredients for Pooja)
पूजा से पहले सारी आवश्यक सामग्री एकत्र कर लें। इसमें शामिल हैं: गंगाजल, शुद्ध जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर (पंचामृत के लिए), बेलपत्र, धतूरा, सफेद पुष्प, चंदन, भस्म, अक्षत (चावल), फल, मिठाई, दीपक, रूई की बाती, धूप, रुद्राक्ष माला, पूजा थाली, शुद्ध वस्त्र, शिव चालीसा/आरती की पुस्तक आदि। इससे पूजा के समय किसी भी सामग्री की कमी नहीं होगी।
3. प्रातःकाल स्नान एवं संकल्प (Morning Bath & Sankalp)
ब्राह्म मुहूर्त या सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध कर लें और वहां भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग को स्थापित करें। दीपक जलाएं और हाथ में जल लेकर यह संकल्प लें कि आप आज सावन सोमवार का व्रत श्रद्धा एवं विधिपूर्वक करेंगे। संकल्प व्रत का आध्यात्मिक आरंभ होता है।
4. भगवान शिव का अभिषेक (Shiv Abhishek Vidhi)
संकल्प के बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें। सर्वप्रथम गंगाजल या शुद्ध जल से शिवलिंग को स्नान कराएं। इसके बाद पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से अभिषेक करें और पुनः जल से शुद्ध कर लें। फिर शिवलिंग पर चंदन लगाएं, बेलपत्र चढ़ाएं (तीन पत्तों वाला), धतूरा, फूल, फल, मिठाई, और अक्षत अर्पित करें। भस्म और रुद्राक्ष भी समर्पित करें, क्योंकि यह दोनों भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं।
5. मंत्र जाप एवं स्तुति (Mantra Jaap & Stuti)
अब शिव मंत्रों का जाप करें। सबसे पहले “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके पश्चात महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें –
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
साथ ही आप शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र या लघु रुद्र पाठ भी पढ़ सकते हैं।
6. व्रत कथा श्रवण (Listening to the Vrat Katha)
पूजन के बाद व्रत कथा सुनना अत्यंत आवश्यक होता है। कथा को श्रद्धा भाव से पढ़ें या श्रवण करें। कथा भगवान शिव की महिमा, व्रत की उत्पत्ति और इसके पुण्यफल को विस्तार से बताती है। कथा के अंत में “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करके शिवजी की आरती करें।
7. आरती और भोग (Aarti & Bhog Offering)
व्रत कथा के बाद भगवान शिव की आरती करें – “ॐ जय शिव ओंकारा” या “जय शिव शंकर” जैसी भक्ति आरतियों से शिव की स्तुति करें। फिर भगवान को भोग अर्पित करें – जिसमें फल, मिठाई या सात्विक भोजन हो सकता है। भोग कुछ समय बाद सभी भक्तों को प्रसाद स्वरूप वितरित करें।
8. दिनभर व्रत का पालन (Following Vrat Discipline Throughout the Day)
पूरे दिन व्रती को संयमित जीवन जीना चाहिए। क्रोध, कटु वचन, तामसिक भोजन, लोभ व वासनाओं से दूरी बनाए रखें। यदि निर्जल व्रत कठिन हो तो फलाहार या एक समय का सात्विक भोजन करें। दिनभर शिव नाम का स्मरण करते रहें, धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें, और पूजा स्थान पर दीपक जलता रहे, इसका ध्यान रखें।
9. संध्या पूजा (Evening Pooja Ritual)
शाम के समय पुनः भगवान शिव की पूजा करें। दीपक जलाएं, धूप करें, और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हुए आरती करें। चाहें तो संध्या शिव स्तुति, शिव चालीसा या अन्य भक्ति गीतों का पाठ करें। पूजा के बाद पुनः भोग लगाएं और परिवार के साथ आराधना करें।
10. व्रत पारण (Vrat Parana – Next Day Morning)
अगले दिन प्रातः स्नान कर भगवान शिव की पूजा करें और व्रत का पारण करें। पारण के बाद ब्राह्मण या किसी जरुरतमंद को भोजन कराना अत्यंत पुण्यदायक होता है। महिलाएं सुहागिनों को सुहाग की सामग्री भेंट कर आशीर्वाद लें। व्रत पारण के समय भगवान शिव से सुख-शांति, स्वास्थ्य और परिवार की समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
सावन के सोमवार की तारीख
इस सावन में सिर्फ 4 सोमवार पड़ रहे हैं:
पहला सोमवार | 14 जुलाई 2025 |
दूसरा सोमवार | 21 जुलाई 2025 |
तीसरा सोमवार | 28 जुलाई 2025 |
चौथा सोमवार | 4 अगस्त 2025 |
Sawan Somvar Vrat Vidhi | Full Video | In Hindi
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