
सावन सोमवार व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक पवित्र माध्यम माना जाता है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और पूजन के उपरांत व्रत कथा का श्रवण करते हैं। यह कथा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि शिवभक्तों के जीवन में सुख-शांति, संतान-प्राप्ति और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करती है। इस लेख में हम आपको सावन सोमवार की मूल व्रत कथा विस्तार से प्रस्तुत कर रहे हैं।
Also Read: Sawan Kab Se Hai? 2025 के सावन की शुरुआत की तारीख जानें
Sawan Somvar Vrat Katha (पूर्ण विस्तारित रूप)
बहुत समय पहले एक नगर में एक धनवान साहूकार रहता था। उसके पास ऐश्वर्य, प्रतिष्ठा और समाज में मान-सम्मान की कोई कमी नहीं थी। केवल एक ही दुख था—उसके जीवन में संतान नहीं थी। संतानों के बिना उसका वैभव अधूरा लगता था।
उसकी पत्नी भी अत्यंत धार्मिक स्वभाव की थी। दोनों पति-पत्नी हर सोमवार को शिव मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करते थे और संतान सुख की प्रार्थना करते थे। उन्होंने वर्षों तक लगातार सावन सोमवार का व्रत रखा और भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास किया।
पार्वती माता की कृपा
उनकी श्रद्धा और आस्था को देखकर माँ पार्वती बहुत प्रसन्न हुईं। उन्होंने भगवान शिव से आग्रह किया, “हे नाथ! यह दंपति वर्षों से आपकी पूजा कर रहा है, कृपया इन्हें संतान सुख प्रदान करें।”
शिवजी बोले, “इनके भाग्य में संतान का सुख नहीं है।” लेकिन पार्वती माता ने बार-बार निवेदन किया, तब भोलेनाथ ने कहा, “ठीक है, इन्हें एक पुत्र प्राप्त होगा, परंतु यह बालक केवल बारह वर्ष तक ही जीवित रहेगा।”
माँ पार्वती ने सहमति दी और वरदान पूर्ण हुआ।
पुत्र जन्म और काशी गमन
कुछ समय बाद साहूकार के घर एक तेजस्वी पुत्र का जन्म हुआ। पूरे नगर में उत्सव मनाया गया। पुत्र के जन्म से उनके घर का वातावरण सुख-शांति से भर गया। साहूकार और उसकी पत्नी जान चुके थे कि यह पुत्र केवल बारह वर्षों तक जीवित रहेगा, इसलिए उन्होंने हर संभव तरीके से उसका लालन-पालन प्रेमपूर्वक किया।
जब बालक ग्यारह वर्ष का हुआ, तो साहूकार ने उसे शिक्षा हेतु काशी भेजने का निर्णय लिया। साथ में उसका मामा भी गया, जो अत्यंत धार्मिक और ज्ञानी पुरुष था।
यज्ञ में मृत्यु
काशी में जब वे पहुँचे, वहाँ एक यज्ञ का आयोजन हो रहा था। वहाँ किसी योग्य ब्राह्मण की आवश्यकता थी, तो बालक को आहुति देने के लिए कहा गया। यज्ञ में बैठते ही उसकी अचानक मृत्यु हो गई। उसका मामा अत्यंत शोकाकुल हुआ। उसने यज्ञ पूर्ण किया और बालक का शव लेकर वहीं बैठ गया।
माता पार्वती की करुणा
उसी समय माता पार्वती और भगवान शिव उस स्थान से गुज़रे। पार्वतीजी ने विलाप करते मामा को देखा और सारा वृतांत जान लिया। वे अत्यंत भावुक हो गईं और शिवजी से बोलीं, “प्रभु, यह वही बालक है जिसे आपने बारह वर्षों का जीवन दिया था। इसकी मृत्यु ने इसके माता-पिता को असीम दुख दिया होगा। कृपया इसे जीवनदान दें।”
भोलेनाथ ने कहा, “तथास्तु!” और अपने त्रिशूल से बालक को स्पर्श किया। बालक तत्काल जीवित हो गया।
पुनरागमन और समृद्धि
पुनर्जीवित होने के पश्चात बालक ने काशी में शिक्षा प्राप्त की और अपने मामा के साथ घर लौटा। घर लौटते ही साहूकार और उसकी पत्नी ने आँगन में गिरकर भगवान शिव का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, “हे नाथ! आपकी कृपा से आज हमें वह सुख मिला है जो करोड़ों से भी नहीं खरीदा जा सकता।”
उस दिन से पूरे नगर में भगवान शिव की महिमा और सावन सोमवार व्रत की शक्ति का गुणगान होने लगा।
कहानी का सार और व्रत का महत्व
- यह कथा हमें सिखाती है कि भगवान शिव की सच्ची भक्ति से असंभव समझे जाने वाले भी कार्य संभव हो जाते हैं।
- सोलह सोमवार या श्रावण के सोमवार पर व्रत रखने और कथा सुनने से दर्शाया है कि मनोकामनाएं पूरी होती हैं, पश्चात दुखिष्ठा मिटती है और परिवार में सौभाग्य आता है। यह कथा विशेष रूप से पुत्र-प्राप्ति, वैवाहिक सुख और कल्याणक हेतु लाभदायक मानी जाती है।
कैसे सुनें / पढ़ें व्रत कथा
- व्रत के अंत में प्रातः या संध्या के समय कथा पढ़ें या सुनें।
- कथा पूर्ण श्रद्धा एवं एकाग्रता से सुनने पर व्रत और पूजा की पूर्णता होती है।
- कथा समाप्ति पर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का स्मरण करें, प्रशाद ग्रहण करके व्रत समाप्त करें।
निष्कर्ष
सावन सोमवार व्रत की यह कथा भगवान शिव की असीमप्रभुता और भक्तों के कल्याण की महान कहानी है। व्रत कथा में बताए गए पात्रों के जीवन संघर्ष और शिवजी की कृपा प्रेरणादायक हैं। आप भी अपने सावन सोमवार व्रत में इस कथा का जाप कर सकते हैं और भोलेनाथ की कृपा से अपने जीवन की मनोकामनाएं पूरी करें।
Also Read
- Makar Rashi Horoscope for All 12 Month | Updated Every Month | Know Your Horoscope Now
- Vrishchik Rashi Horoscope for All 12 Month | Updated Every Month | Know Your Horoscope Now
- Libra Rashi Horoscope for All 12 Month | Updated Every Month | Know Your Horoscope Now
- Singh Rashi Horoscope for All 12 Month | Updated Every Month | Know Your Horoscope Now
- Mesh Rashi Horoscope for All 12 Month | Updated Every Month | Know Your Horoscope Now
Sawan Somvar Vrat Katha Sawan Somvar Vrat Katha Sawan Somvar Vrat Katha Sawan Somvar Vrat Katha Sawan Somvar Vrat Katha Sawan Somvar Vrat Katha Sawan Somvar Vrat Katha