
Santoshi Mata Vrat Vidhi में भक्त शुक्रवार के दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं और माता की तस्वीर या मूर्ति के सामने पूजा का स्थान सजाते हैं। माता को चने और गुड़ का भोग अर्पित किया जाता है, और खट्टी चीजों से परहेज किया जाता है। व्रत के दौरान संतोषी माता की कथा सुनी या पढ़ी जाती है और अंत में आरती की जाती है। यह व्रत लगातार 16 शुक्रवार तक किया जाता है, और अंतिम दिन उद्यापन कर आठ बच्चों को भोजन कराया जाता है।
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Santoshi Mata Vrat Vidhi | संतोषी माता व्रत विधि और नियम
1. व्रत का दिन चुनें
- यह व्रत शुक्रवार के दिन किया जाता है।
- व्रत शुरू करने से पहले माता से मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करें।
2. संकल्प लें
- प्रातः स्नान आदि कर के स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- माता संतोषी का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें — जैसे “मैं अमुक नाम से फलां कामना हेतु शुक्रवार का व्रत करती हूँ।”
3. घर में पवित्र स्थान पर पूजा का स्थान बनाएं
- एक लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
- माता संतोषी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
4. माता की पूजा सामग्री रखें
- जल कलश, दीपक, अगरबत्ती, चंदन, रोली, अक्षत, फूल, गुड़-चना, नारियल, बताशे, और लाल चूड़ियाँ रखें।
- खास ध्यान दें कि खटाई (खट्टा) चीज़ का प्रयोग पूजा व प्रसाद में न करें।
5. माता को स्नान कराएँ और श्रृंगार करें
- माता की मूर्ति को जल, दूध से स्नान कराएँ।
- फिर वस्त्र अर्पित करें और फूलों से श्रृंगार करें।
6. कथा का पाठ करें
- संतोषी माता की व्रत कथा श्रद्धा से पढ़ें या सुनें।
- कथा के अंत में आरती करें — “जय संतोषी माता…”
7. भोग अर्पण करें
- गुड़ और चने का भोग माता को अर्पित करें।
- ध्यान रखें – खट्टी चीजें पूर्णतः वर्जित हैं।
8. भिक्षा (दान) देना
- व्रत के दिन भोजन के रूप में गुड़-चना किसी बच्चे या ब्राह्मण को दान दें।
- अगर संभव हो तो आठ बच्चों को भोजन कराना श्रेष्ठ माना जाता है।
9. व्रत की संख्या और समाप्ति
- यह व्रत लगातार 16 शुक्रवार तक किया जाता है।
- व्रत की समाप्ति पर उद्यापन (उपायन) किया जाता है।
10. उद्यापन कैसे करें
- व्रत के अंतिम शुक्रवार को माता की विशेष पूजा करें।
- आठ बच्चों को गुड़-चना, पूड़ी-सब्जी, और मिठाई खिलाएँ।
- सबको संतोषी माता की कथा सुनाएँ और दक्षिणा दें।
11. व्रत में क्या न करें
- क्रोध, झूठ, छल-कपट, और कटु वचन से बचें।
- व्रत वाले दिन घर में खटाई (नींबू, इमली, दही, अचार) का उपयोग न करें।
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Santoshi Mata Vrat Vidhi | पूजा की सही विधि | Full Video In Hindi
Benefits of Santoshi Mata Vrat Vidhi
Santoshi Mata Vrat Vidhi को श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से भक्तों को अनेक प्रकार के शुभ फल प्राप्त होते हैं। यह व्रत विशेष रूप से पारिवारिक सुख-शांति, आर्थिक समृद्धि, और मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति खटाई से परहेज करके, संयमपूर्वक 16 शुक्रवार तक यह व्रत करता है, उसकी सभी इच्छाएँ संतोषी माता पूरी करती हैं। विवाह में आ रही रुकावट, संतान सुख की प्राप्ति, नौकरी या व्यवसाय में सफलता जैसे जीवन के कठिन मोड़ों पर यह व्रत विशेष फलदायी होता है। साथ ही, यह व्रत व्यक्ति के भीतर धैर्य, संयम और संतोष का भाव भी जागृत करता है, जिससे जीवन में मानसिक शांति बनी रहती है।
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