Santoshi Mata Pooja 2025: जानें 2025 में संतोषी माता पूजा कब है

Santoshi Mata Pooja 2025

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संतोषी माता की पूजा हिंदू श्रद्धालुओं के लिए आस्था और संतोष का प्रतीक मानी जाती है। यह पूजा विशेष रूप से शुक्रवार के दिन की जाती है, क्योंकि शुक्रवार को माता संतोषी का दिन माना गया है। ऐसा विश्वास है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और नियमों के साथ संतोषी माता की आराधना करता है, उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। 2025 में संतोषी माता पूजा कब करनी चाहिए, उसका शुभ मुहूर्त क्या होगा, और पूजा-विधि क्या रहेगी — इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे।

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2025 में संतोषी माता पूजा का शुभ दिन कब है?

संतोषी माता की पूजा पारंपरिक रूप से शुक्रवार को की जाती है। मान्यता है कि यदि कोई भक्त लगातार 16 शुक्रवार तक व्रत रखे और माता की पूजा करे, तो उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। पूजा की शुरुआत उस शुक्रवार से करनी चाहिए जो श्राद्ध-काल समाप्त होने के बाद आता हो या जिसमें कोई दोष न हो।

2025 में “संतोषी माता पूजा कब है 2025” जानने के लिए निम्न बातों पर ध्यान दें:

  • पहला ऐसा शुक्रवार चुनें जो शुक्ल पक्ष का हो और श्राद्ध या अमावस्या का प्रभाव न हो।
  • पंचांग देखकर यह सुनिश्चित करें कि उस दिन कोई ग्रहण, अशुभ योग या व्रत-विरोधी स्थिति न हो।
  • यदि आप 16 शुक्रवारों का व्रत करने का संकल्प लेते हैं, तो पहला शुक्रवार विशेष शुभ मुहूर्त में चुनें और क्रम लगातार बनाए रखें।
  • विभिन्न क्षेत्रों में पंचांग के अनुसार तिथि और मुहूर्त में थोड़ा अंतर हो सकता है, इसलिए स्थानीय पंडित या मंदिर से परामर्श अवश्य लें।

उदाहरणतः, पितृ पक्ष समाप्त होने के बाद पहला शुक्रवार शुक्ल पक्ष में आने वाला दिन व्रत प्रारंभ करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसी दिन से 16 शुक्रवारों की श्रृंखला शुरू की जा सकती है।

इस प्रकार, “संतोषी माता पूजा मुहूर्त 2025” का निर्धारण पंचांग और क्षेत्रीय परंपराओं के अनुसार करें ताकि व्रत और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

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पूजा-विधि और महत्वपूर्ण तैयारियाँ (2025 संस्करण)

संतोषी माता पूजा को सफल बनाने के लिए विधिपूर्वक तैयारी और श्रद्धा आवश्यक है। नीचे 2025 के लिए अद्यतन पूजा-विधि दी गई है —

पूजा-विधि

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें।
  2. घर या मंदिर में पूजा-स्थान को स्वच्छ करें और चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएँ।
  3. उस पर माता संतोषी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  4. दीपक जलाएँ, अगरबत्ती लगाएँ और गुड़-चना का भोग लगाएँ। गुड़ और चना माता की प्रिय सामग्री मानी जाती है।
  5. आरती करें और संतोषी माता की कथा श्रद्धापूर्वक पढ़ें या सुनें।
  6. पूजा के बाद परिवार और आस-पास के लोगों में प्रसाद बाँटें।

ध्यान देने योग्य बातें – 2025 हेतु

  • व्रत हमेशा शुक्रवार को करें और इस दिन खट्टे पदार्थ न खाएँ।
  • व्रत के दौरान मन, वाणी और कर्म की पवित्रता बनाए रखें।
  • यदि 16 शुक्रवारों का व्रत कर रहे हैं, तो बीच में किसी शुक्रवार को न छोड़ें।
  • पूजा में सफेद वस्तुओं का प्रयोग शुभ माना गया है, जैसे दूध, दही, मिश्री या चावल।
  • व्रत के अंत में संतोषी माता की कथा अवश्य सुनें और आभार प्रकट करें।

इस विधि से की गई पूजा को “संतोषी माता पूजा विधि 2025” के अनुसार सबसे प्रभावशाली माना जाता है।

2025 में पूजा करने के लाभ और क्या उम्मीद करें?

संतोषी माता पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार जो भक्त विधिपूर्वक माता की पूजा करता है, उसे न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि उसके परिवार में भी सौहार्द और समृद्धि का वातावरण बनता है।

2025 में सही मुहूर्त और श्रद्धा के साथ संतोषी माता पूजा करने से मिलने वाले प्रमुख लाभ हैं:

  • घर-परिवार में सुख, संतोष और समृद्धि का वास होता है।
  • दांपत्य जीवन में प्रेम और स्थिरता बढ़ती है।
  • आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और व्यवसाय या नौकरी में उन्नति के योग बनते हैं।
  • मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और मन में आत्मिक शांति का अनुभव होता है।
  • नियमित पूजा से मन में संतोष और स्थिरता आती है, जिससे जीवन का हर कार्य सफल होता है।

भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे व्रत की तिथियों और पूजा की श्रृंखला का लेखा रखें, ताकि अगले वर्ष व्रत को और अधिक सुव्यवस्थित ढंग से किया जा सके।

निष्कर्ष

“संतोषी माता पूजा 2025” न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह जीवन में संतोष और स्थिरता प्राप्त करने का माध्यम भी है। जब पूजा सही शुक्रवार, शुभ मुहूर्त और पूर्ण श्रद्धा से की जाती है, तो इसका प्रभाव गहन और कल्याणकारी होता है। आने वाले वर्ष में आप भी पहला शुभ शुक्रवार चुनकर माँ संतोषी की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन में सुख-शांति का संचार करें।

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