Sai Baba Vrat Vidhi : साईं बाबा व्रत कैसे करें?

Sai Baba Vrat Vidhi एक सरल और प्रभावशाली धार्मिक प्रक्रिया है, जिसे विशेष रूप से गुरुवार के दिन किया जाता है। इस व्रत को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। साईं बाबा का व्रत न सिर्फ आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है, बल्कि यह जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने का भी एक माध्यम है। इस लेख में हम आपको साईं बाबा व्रत करने की सही विधि, नियम और पूजन प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी देंगे।

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Sai Baba Vrat Vidhi |

1. व्रत का प्रारंभ:

  • साईं बाबा का व्रत गुरुवार के दिन से शुरू किया जाता है।
  • इसे 9 गुरुवार तक किया जाता है।
  • कोई भी महिला, पुरुष, बच्चा इस व्रत को कर सकता है।

2. व्रत का संकल्प लें:

  • व्रत के पहले दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • घर के पूजन स्थान या साफ जगह पर साईं बाबा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
  • दीपक जलाकर, साईं बाबा का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें: “मैं सच्चे मन से 9 गुरुवार साईं व्रत करूंगा/करूंगी।”

3. पूजन सामग्री रखें:

  • साईं बाबा की तस्वीर/मूर्ति
  • पीला वस्त्र या फूल
  • दीपक, अगरबत्ती
  • प्रसाद (गुड़, चने, केला, लड्डू आदि)
  • नारियल, फल, दूध, जल

4. पूजन विधि:

  • पहले गंगाजल या स्वच्छ जल से बाबा की तस्वीर को पोंछें या स्पर्श करें।
  • साईं बाबा को पीला वस्त्र, फूल अर्पित करें।
  • दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
  • साईं बाबा की आरती और गुरुवार व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
  • साईं बाबा का नाम स्मरण करें: “ॐ साईं राम”

5. प्रसाद वितरण:

  • पूजन के बाद प्रसाद सभी घरवालों में और आवश्यकता अनुसार पड़ोसियों को भी दें।
  • यदि संभव हो, किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन कराएं या अन्न/फल दान करें।

6. व्रत का भोजन:

  • व्रतधारी दिनभर फलाहार या एक बार सात्विक भोजन कर सकते हैं।
  • भोजन में तामसिक वस्तुएँ (प्याज, लहसुन, मांस आदि) न लें।
  • शराब, तंबाकू आदि से पूरी तरह परहेज करें।

7. नियम और आचरण:

  • व्रत के दिनों में सच्चाई, प्रेम, क्षमा और सेवा भाव अपनाएं।
  • झूठ बोलने, किसी का अपमान करने या मन में द्वेष रखने से व्रत का प्रभाव घटता है।

8. व्रत का समापन (9वें गुरुवार):

  • 9वें गुरुवार विशेष पूजन करें।
  • साईं बाबा की कथा और आरती करें।
  • संभव हो तो साईं व्रत की किताब (व्रत कथा पुस्तिका) 5, 11 या 21 लोगों को बाँटें।
  • किसी मंदिर में जाकर बाबा का दर्शन करें या घर पर ही भंडारा करें।

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Sai Baba Vrat Vidhi | Full Video

श्रद्धा और सबुरी का महत्व:

साईं बाबा के दो मूल मंत्र – श्रद्धा और सबुरी – साईं व्रत की आत्मा हैं। श्रद्धा का अर्थ है बाबा पर अटूट विश्वास, और सबुरी का अर्थ है धैर्य के साथ उनके कृपा की प्रतीक्षा करना। जब भक्त पूरी आस्था से व्रत करता है और बिना किसी जल्दी के बाबा के फैसले में भरोसा रखता है, तब ही व्रत का सच्चा फल मिलता है। यह व्रत केवल धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि आत्मा को बाबा से जोड़ने का एक माध्यम है, जहाँ श्रद्धा और सबुरी मार्गदर्शक बनकर भक्त को सच्चे सुख की ओर ले जाते हैं।

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