Raksha Bandhan 2025: भाई-बहन के प्रेम, वचन और परंपरा का पावन पर्व

Raksha Bandhan 2025

Raksha Bandhan

रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक ऐसा अनुपम पर्व है जो भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम, समर्पण और सुरक्षा के वचन को सजीव करता है। यह सिर्फ एक रक्षासूत्र बांधने की रस्म नहीं, बल्कि एक ऐसा अवसर है जहाँ भावनाएं परंपरा से जुड़ती हैं और रिश्तों को आध्यात्मिक गहराई मिलती है।

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Raksha Bandhan – प्रेम, वचन और परंपरा का पर्व

रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक ऐसा पावन पर्व है, जो भाई-बहन के रिश्ते को प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के अटूट सूत्र में बांधता है। यह केवल एक धागा नहीं, बल्कि एक ऐसा भावनात्मक वचन है जिसमें बहन की दुआएं और भाई का संकल्प समाहित होता है। इस पर्व के माध्यम से न केवल पारिवारिक संबंधों की गहराई व्यक्त होती है, बल्कि भारतीय समाज की उन मूल भावनाओं — जैसे त्याग, कर्तव्य और परस्पर सम्मान — को भी सजीव किया जाता है जो हमारी परंपरा की आत्मा हैं।

Raksha Bandhan

भारत में रक्षाबंधन के सांस्कृतिक रूप

रक्षाबंधन भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अनूठी सांस्कृतिक पहचान के साथ मनाया जाता है। उत्तर भारत में यह पर्व पारंपरिक पूजा, मिठाइयों और उपहारों के साथ उल्लासपूर्वक मनाया जाता है, वहीं पश्चिमी भारत में बहनें भाई की आरती कर रक्षा-सूत्र बांधती हैं और लंबी उम्र की कामना करती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इसे लोकगीतों, मेलों और सामूहिक पूजा के रूप में देखा जाता है, जबकि शहरी क्षेत्रों में रक्षाबंधन आधुनिक उपहारों, ऑनलाइन राखियों और डिजिटल बधाइयों के साथ पारंपरिक भावना को नया रूप दे रहा है। विविधता में एकता का यह पर्व भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को सुंदरता से दर्शाता है।

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