
Siddhidatri Mata Ki Aarti नवरात्रि के नौवें दिन विशेष रूप से गाई जाती है, जो माँ सिद्धिदात्री के दिव्य स्वरूप की आराधना का पावन माध्यम है। Siddhidatri Mata को सभी आठ सिद्धियाँ प्रदान करने वाली देवी माना जाता है और उनकी आरती करने से साधक को आत्मिक शक्ति, ज्ञान और मनोबल प्राप्त होता है। इस लेख में आप पाएंगे माँ सिद्धिदात्री की आरती का सरल पाठ, उसका महत्व और विधि, जिससे आपकी भक्ति और भी सशक्त हो जाएगी।
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Siddhidatri Mata Aarti Lyrics
जै सिद्धि धात्री मां तू सिद्धि की दाता।
तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता।।
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।।
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।।
तेरी पूजा में तो न कोई विधि है।
तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है।।
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।।
तू सब काज उसके करती हो पूरे।
कभी काम उस के रहे न अधूरे।।
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह मायां
रखे जिसके सिर पर मैय्या अपनी छाया।।
सर्वसिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।।
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।
महा नन्दा मन्दिर में है वास तेरा।।
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।
मैं हूँ सवाली तू जिसकी दाता।।
Siddhidatri Mata Aarti Full Lyrics | In Hindi
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