
8th Day Of Navratri: नवरात्रि के आठवे दिन माँ दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा करि जाती हैनवरात्रि का आठवां दिन, जिसे दुर्गा अष्टमी या महा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, माँ महागौरी को समर्पित किया गया है। माता के आठवे स्वरूप की पूजा 5 अप्रैल को की जाएगी। माँ महागौरी को गोरे रंग के लिए जाना जाता है। उन्हें चार भुजाओं के साथ दर्शाया जाता है, जो एक सफेद बैल पर सवार हैं और सफेद वस्त्र धारण किए हुए होती हैं। वह देवी पवित्रता, शांति और ज्ञान का प्रतीक हैं। उनका नाम, “महागौरी,” का अर्थ है “अत्यंत गोरी।”
दुर्गा अष्टमी को नवरात्रि के सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। इस दिन “ओम देवी महागौर्यै नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए। इस दिन का शुभ रंग पीले या गुलाबी माना जाता है। भक्तजन इस दिन उपवास रखते हैं और उन्हें नारियल का भोग अर्पित करते हैं, कुछ लोग नारियल से बनी मिठाई भी चढ़ाते हैं क्योंकि यह उनका प्रिय भोजन माना जाता है।
8th Day Of Navratri : माँ महागौरी
8th Day Of Navratri: नवरात्रि के आठवे दिन माँ दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा करि जाती हैनवरात्रि का आठवां दिन, जिसे दुर्गा अष्टमी या महा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, माँ महागौरी को समर्पित किया गया है। माता के आठवे स्वरूप की पूजा 5 अप्रैल को की जाएगी। माँ महागौरी को गोरे रंग के लिए जाना जाता है, जिसकी तुलना अक्सर चंद्रमा, शंख और चमेली के फूल से की जाती है। उन्हें चार भुजाओं के साथ दर्शाया जाता है, जो एक सफेद बैल पर सवार हैं और सफेद वस्त्र धारण किए हुए होती हैं। वह देवी पवित्रता, शांति और ज्ञान का प्रतीक हैं। उनका नाम, “महागौरी,” का अर्थ है “अत्यंत गोरी।”
दुर्गा अष्टमी को नवरात्रि के सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। माँ महागौरी की पूजा करने से माना जाता है कि भक्त का हृदय शुद्ध होता है और वह धर्मात्मा बनता है। कई भक्त इस दिन उपवास रखते हैं। इस दिन भगवान शिव की भी माँ महागौरी के साथ पूजा की जाती है। माँ महागौरी की पूजा के लिए पीले या गुलाबी रंग के वस्त्र पहने जाते हैं। देवी को सफेद या पीले फूल चढ़ाए जाते हैं। इस दिन “ओम देवी महागौर्यै नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए। भक्तजन इस दिन उपवास रखते हैं और उन्हें नारियल का भोग अर्पित करते हैं, कुछ लोग नारियल से बनी मिठाई भी चढ़ाते हैं क्योंकि यह उनका प्रिय भोजन माना जाता है।
8th Day Of Navratri : मां महागौरी पूजा का शुभ मुहूर्त
र्गा अष्टमी, जो माँ महागौरी की पूजा का दिन है, 5 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। कन्या पूजन मुहूर्त: कन्या पूजन महा अष्टमी (5 अप्रैल) और राम नवमी (6 अप्रैल) दोनों दिन किया जा सकता है। महा अष्टमी (5 अप्रैल) कन्या पूजन मुहूर्त: सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक है। आप अपनी सुविधा और स्थानीय परंपराओं के अनुसार इनमें से किसी भी शुभ मुहूर्त में माँ महागौरी की पूजा कर सकते हैं।
8th Day Of Navratri : मां महागौरी की कथा
माँ महागौरी की कथा देवी पार्वती के भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए की गई कठोर तपस्या से जुड़ी है।
कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की। उनकी तपस्या इतनी कठिन थी कि उन्होंने कई वर्षों तक केवल वायु और पत्ते खाकर ही जीवन बिताया। इस कठोर तपस्या के कारण उनका शरीर काला पड़ गया।
जब भगवान शिव देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न हुए, तो वे उनके सामने प्रकट हुए और उनसे वरदान मांगने को कहा। देवी पार्वती ने उनसे अपने पति के रूप में स्वीकार करने का वरदान मांगा। भगवान शिव ने उनकी इच्छा पूरी की और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
इसके बाद, भगवान शिव ने देवी पार्वती के काले शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोया। गंगा जल के स्पर्श से देवी पार्वती का शरीर अत्यंत गोरा और कांतिमय हो गया। इसी कारण उनका नाम महागौरी पड़ा, जिसका अर्थ है ‘अत्यंत गोरी’।
एक अन्य कथा के अनुसार, एक भूखा सिंह देवी उमा (पार्वती का ही एक रूप) को तपस्या करते हुए देखकर वहीं बैठ गया। वह देवी के तपस्या से उठने का इंतजार कर रहा था। इस इंतजार में वह कमजोर हो गया। जब देवी उठीं और सिंह की दशा देखी, तो उन्हें उस पर दया आ गई और उन्होंने उसे अपना वाहन बना लिया।
माँ महागौरी शांति, पवित्रता और करुणा की प्रतीक हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। वह अपने भक्तों को अभय और शक्ति प्रदान करती हैं।
पूजा का महत्व
माँ महागौरी की पूजा पवित्रता और शांति प्रदान करती है, साथ ही सभी प्रकार के कष्टों को दूर करती है। इनकी आराधना से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। मान्यता है कि माँ महागौरी भक्तों के सभी पापों का नाश करती हैं और आध्यात्मिक विकास में सहायक होती हैं। सच्ची श्रद्धा से की गई इनकी पूजा मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। संक्षेप में, यह पूजा जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने वाली मानी जाती है।
8th Day Of Navratri : मां महागौरी पूजा विधि
माँ महागौरी की पूजा आराधना से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। मान्यता है कि माँ महागौरी भक्तों के सभी पापों का नाश करती हैं और आध्यात्मिक विकास में सहायक होती हैं।। माँ महागौरी की पूजा विधि इस प्रकार है:
स्नान एवं संकल्प
- प्रातःकाल उठकर स्नान करें स्वच्छ श्वेत या पीले वस्त्र धारण करें।
- हाथ में जल, अक्षत (चावल) और पुष्प लेकर माँ महागौरी की पूजा का संकल्प लें। अपनी मनोकामना मन में दोहराएं।
पूजा स्थल की तैयारी
- पूजा के स्थान को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें।
- एक चौकी पर लाल या सफेद रंग का वस्त्र बिछाएं।
- चौकी पर माँ महागौरी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- यदि आपने नवरात्रि का कलश स्थापित किया है, तो उसी के पास माँ महागौरी की पूजा करें। अन्यथा, आप अलग से भी कलश स्थापित कर सकते हैं।
पूजा सामग्री
- पुष्प (गेंदा, कमल या गुड़हल)
- धूप, दीप, कपूर
- लाल या सफेद रंग की चुनरी
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर)
- मिठाई, विशेष रूप से नारियल का भोग
- नारियल, सुपारी, अक्षत (चावल) और रोली
पूजा विधि:
- संकल्प लें: हाथ में जल, अक्षत (चावल) और पुष्प लेकर माँ महागौरी की पूजा का संकल्प लें। अपनी मनोकामना मन में दोहराएं।
- आवाहन: माँ महागौरी का आवाहन करें। “हे माँ महागौरी , मैं आपका ध्यान करता हूँ, कृपया मेरी पूजा स्वीकार करें।”
- ध्यान: माँ महागौरी के स्वरूप का ध्यान करें।
- आसन: माँ को आसन अर्पित करें (फूल या कुशासन)।
- पाद्य, अर्घ्य, आचमन: माँ के चरणों को जल से धोएं (पाद्य), उन्हें जल अर्पित करें (अर्घ्य), और उन्हें आचमन के लिए जल दें।
- स्नान: माँ को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर का मिश्रण) और फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं (मानसिक रूप से)।
- वस्त्र: माँ को वस्त्र अर्पित करें (लाल या सफेद रंग का वस्त्र)।
- श्रृंगार: माँ को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें (यदि प्रतिमा हो तो)।
- पुष्प और माला: माँ को लाल या सफेद रंग के पुष्प और माला अर्पित करें। रात रानी के फूल विशेष रूप से प्रिय माने जाते हैं।
- धूप और दीप: माँ को धूप और दीपक दिखाएं।
- नैवेद्य (भोग): माँ को नारियल, मिश्री, हलवा, पूरी, चने और फल का भोग लगाएं। कुछ क्षेत्रों में मदिरा का भोग भी लगाया जाता है, लेकिन यह वैकल्पिक है और अपनी कुल परंपरा के अनुसार करें।
- मंत्र जाप: माँ महागौरी के मंत्र का जाप करें: “ॐ देवी महागौर्यै नमः।” आप दुर्गा सप्तशती का पाठ भी कर सकते हैं।
- आरती: माँ महागौरी की आरती गाएं।
- प्रदक्षिणा: माँ की परिक्रमा करें।
- क्षमा याचना: पूजा में हुई किसी भी भूल-चूक के लिए माँ से क्षमा याचना करें।
8th Day Of Navratri : मां महागौरी की पूजा का लाभ
माँ महागौरी की पूजा से भक्तों को पवित्रता, शांति और करुणा की प्राप्ति होती है। यह सभी प्रकार के कष्टों और दुखों को दूर करने में सहायक है। इनकी आराधना से सौभाग्य, समृद्धि और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है। मान्यता है कि माँ महागौरी भक्तों के पापों का नाश करती हैं और आध्यात्मिक विकास में मदद करती हैं। सच्ची श्रद्धा से की गई इनकी पूजा मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।
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