Vaibhav Lakshmi Vrat Vidhi: विधि, नियम और पूजन सामग्री

Vaibhav Lakshmi Vrat Vidhi एक ऐसा सरल और फलदायी उपाय है, जिसे श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत विशेष रूप से शुक्रवार को किया जाता है और इसमें मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा, व्रत कथा श्रवण और प्रसाद वितरण प्रमुख होता है। इस व्रत की विधि में नियम, संयम और श्रद्धा का विशेष महत्व होता है, जिससे साधक के जीवन में सुख, समृद्धि और वैभव का आगमन होता है। यह व्रत नारी हो या पुरुष, सभी के लिए कल्याणकारी माना गया है।

Also Read: Vaibhav Lakshmi Vrat Katha 2025: सुख-समृद्धि दिलाने वाली व्रत कथा

Vaibhav Lakshmi Vrat Vidhi | पूर्ण विस्तार से समझाया गया

1. व्रत का दिन

  • यह व्रत प्रत्येक शुक्रवार को किया जाता है। इसे स्त्रियाँ और पुरुष दोनों कर सकते हैं।

2. स्नान व संकल्प

  • शुक्रवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर माँ लक्ष्मी का ध्यान करके व्रत का संकल्प ले

3. पूजन स्थान की तैयारी

  • घर के मंदिर या स्वच्छ स्थान पर लाल या पीले कपड़े पर माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

4. पूजन सामग्री

  • नारियल, लाल पुष्प, अक्षत (चावल), रोली, दीपक, अगरबत्ती, फल, मिठाई, पंचामृत, जल का कलश, सुपारी, तथा वैभव लक्ष्मी व्रत की पुस्तक रखें।

5. लक्ष्मी पूजन विधि

  • माँ लक्ष्मी का रोली और अक्षत से तिलक करें।
  • दीपक जलाएं और अगरबत्ती से वातावरण को शुद्ध करें।
  • फल, मिठाई और जल अर्पित करें।
  • श्रीसूक्त, लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम या लक्ष्मी मंत्र का पाठ करें।
  • फिर वैभव लक्ष्मी व्रत कथा श्रद्धा से सुनें या पढ़ें।

6. आरती व प्रसाद

  • कथा के पश्चात माँ लक्ष्मी की आरती करें।
  • प्रसाद सभी परिवारजनों में बाँटें। पहले पति या घर के बड़े को दें।

7. व्रत की समाप्ति

  • यह व्रत लगातार 11 या 21 शुक्रवार तक किया जाता है।
  • अंतिम शुक्रवार को उद्यापन करें:
  • 5 या 7 सुहागिन स्त्रियों को घर बुलाकर भोजन व व्रत की पुस्तक भेंट करें।

8. व्रत के नियम

  • पूर्ण श्रद्धा और शुद्धता के साथ पूजा करें।
  • व्रत में सात्विक आहार लें।
  • झूठ, छल, बुरा व्यवहार और कटु वाणी से बचें।

Also Read: Vaibhav Lakshmi Ki Aarti : संपूर्ण आरती पाठ हिंदी में

Vaibhav Lakshmi Vrat Vidhi | Full Video

व्रत के पीछे की श्रद्धा का महत्व

वैभव लक्ष्मी व्रत की सफलता केवल विधियों के पालन पर नहीं, बल्कि उस श्रद्धा और विश्वास पर आधारित होती है जो भक्त अपने हृदय में माँ लक्ष्मी के प्रति रखता है। जब मन में सच्ची आस्था और निष्ठा होती है, तब साधारण-सी पूजा भी दिव्य फल देने वाली बन जाती है। व्रत के पीछे की भावना ही उसे शक्ति प्रदान करती है। यदि व्रत करते समय मन पवित्र, विचार सकारात्मक और उद्देश्य ईमानदार हो, तो माँ लक्ष्मी की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। इसलिए व्रत केवल एक कर्मकांड नहीं, बल्कि ईश्वर से जुड़ने की एक सच्ची और सरल साधना है।

Also Read

Vaibhav Lakshmi Vrat Vidhi Vaibhav Lakshmi Vrat Vidhi

Scroll to Top